भारतीय विमान दुर्घटना जांच
भारतीय विमान दुर्घटना जांच का कार्य भारतीय विमानन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य विमानन दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान करना और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को पूर्ववत रोकने के लिए सिफारिशें करना है।
### विमान दुर्घटना जांच की प्रक्रिया:
1. **दुर्घटना की रिपोर्टिंग**: जब कोई विमान दुर्घटना होती है, तो इसे तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित किया जाता है।
2. **जांच टीम का गठन**: नागरिक उड्डयन मंत्रालय एक जांच टीम का गठन करता है जिसमें विशेषज्ञ, तकनीकी जानकार, और अन्य संबंधित व्यक्तियों को शामिल किया जाता है।
3. **डाटा संग्रह**: दुर्घटना स्थल पर जाकर, हादसे से संबंधित सभी डेटा (जैसे कि ब्लैक बॉक्स, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, और अन्य तकनीकी उपकरण) इकट्ठा किया जाता है।
4. **साक्षात्कार और गवाहों के बयान**: जांच टीम पायलट, एयर ट्रैफ़िक कंट्रोलर और अन्य गवाहों के बयान लेती है।
5. **विश्लेषण**: इकट्ठा किए गए डेटा और साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया जाता है।
6. **मुद्दों की पहचान**: जांच से निकले निष्कर्षों के आधार पर, दुर्घटना के मुख्य कारणों की पहचान की जाती है।
7. **रिपोर्ट तैयार करना**: सभी निष्कर्षों को एक विस्तृत रिपोर्ट में संकलित किया जाता है जिसमें सिफारिशें भी शामिल होती हैं।
8. **सिफारिशों का कार्यान्वयन**: रिपोर्ट को लागू करने के लिए संबंधित प्राधिकरण और एयरलाइनों को दिशा-निर्देश दिए जाते हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
### भारतीय विमान दुर्घटनाएँ:
भारत में कई प्रमुख विमान दुर्घटनाएँ हुई हैं, जैसे एयर इंडिया फ्लाइट 182, किंगफिशर एयरलाइंस, एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 812, आदि। इन सभी की जांच की गई और विभिन्न सिफारिशें की गईं।
इस प्रकार, विमान दुर्घटना जांच प्रक्रिया सुरक्षा मानकों को सुधारने और विमानन उद्योग को सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।


